पूरा घुटना बदलने की जरुरत नहीं पार्शियल नी रिप्लेसमेंट भी है उपचार का विकल्प
उज्जैन : आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में घुटनों से जुडी समस्याएं बहुत आम हो गयी है| बढती उम्र के साथ घुटनों में दर्द, अचानक चोट लगने से फ्रैक्चर का खतरा और आदि समस्याएं बढ़ जाती है, जिसकी वजह से कई बार घुटनो का रिप्लेसमेंट भी करना पड़ सकता है| लेकिन कई बार केवल घुटने के प्रभावित भाग को बदल कर भी रोगी का उपचार किया जा सकता है| इसी बारे में विस्तृत जानकारी एवं प्रशिक्षण देने के लिए उज्जैन के जैन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 15 दिसम्बर 2024, रविवार को एक लाइव सर्जरी का आयोजन होने जा रहा है, जिसमे इंदौर के प्रसिद्द जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ हेमंत मंडोवरा द्वारा पार्शियल/ यूनीकॉन्डीलरी नी रिप्लेसमेंट सर्जरी का लाइव प्रदर्शन किया जायेगा| इस दौरान उज्जैन एवं उज्जैन के आस पास के प्रशिक्षु जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन्स इस पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के गुर सीखने के लिए मौजूद रहेंगे|
इंदौर के जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ हेमंत मंडोवरा ने बताया कि –
“कई बार चोट या दर्द की वजह से पूरे घुटने को रिप्लेस करने की जरुरत पड़ जाती है जिसे टोटल नी सर्जरी कहा जाता है| लेकिन जरुरी नहीं की हर बार पूरे घुटने को ही रिप्लेस किया जाये, इन चोटों में भी मेडिकल साइंस ने इतनी उन्नति कर ली है कि अब माइक्रो सर्जरी के माध्यम से केवल प्रभावित घुटने को बदला जा सकता है जिसे पार्शियल नी रिप्लेसमेंट कहा जाता है| इस तकनीक में छोटे से चीरे के कारण मरीज़ की रिकवरी बहुत फ़ास्ट होती है और दर्द भी न के बराबर होता है| एक स्टडी के अनुसार घुटने के दर्द से पीड़ित लोगो में से केवल 30–40% लोगो को ही पूरे घुटने को बदलने की जरुरत होती है| अन्य परिस्थितियों में घुटने के सिर्फ खराब भाग को ही बदलकर पीड़ित को आराम पहुँचाया जा सकता है, इस विधि में घुटने के ख़राब हो चुके भाग को आर्टिफीशियल कार्टिलेज लगाकर ठीक किया जा सकता है|
इस लाइव सर्जरी के माध्यम से हम न केवल मरीजों के मन में उपचार के प्रति विश्वास को पक्का कर पाएंगे बल्कि डॉक्टर्स और नए सर्जन्स को भी इस उन्नत तकनीक से लैस कर पाएंगे| इसका फायदा मरीजों के साथ चिकित्सकों को भी होगा|
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