इंदौर में शुक्रवार को 63वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे जबलपुर के ब्रेन डेड मरीज पूरनलाल चौधरी (51) की किडनी इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती 44 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित की गई।
एयर एंबुलेंस से समय पर पहुंची किडनी
इससे पहले, बॉम्बे हॉस्पिटल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अमित जोशी और डॉ. राजेंद्र सिंह की टीम जबलपुर पहुंची। वहां सुबह पीएमश्री वायु पर्यटन योजना के विमान को एयर एंबुलेंस में बदला गया। 10:22 बजे एयर एंबुलेंस जबलपुर से इंदौर के लिए रवाना हुई और 11:38 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर लैंड हुई।
18 मिनट में अस्पताल पहुंची किडनी
इंदौर में मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एयरपोर्ट से बॉम्बे हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया, जिससे महज 18 मिनट में किडनी अस्पताल पहुंचाई गई। इसके तुरंत बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
दूसरा जीवन मिला दो मरीजों को
चौधरी की दूसरी किडनी जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती 55 वर्षीय महिला मरीज को प्रत्यारोपित की गई। इसके अलावा, दिवंगत की आंखें और त्वचा भी दान की गईं।
परिवार की सहमति से संभव हुआ अंगदान
भेड़ाघाट निवासी पूरनलाल चौधरी दो दिन पहले ऊंची दीवार से गिरने के कारण घायल हो गए थे। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया, जिस पर उन्होंने सहमति दी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरतमंद मरीजों की तलाश करने पर पता चला कि जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में 50 वर्षीय सुदामा बाई और इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में 56 वर्षीय नीरज सिंह को किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत थी। ग्रीन कॉरिडोर के जरिए सुरक्षित रूप से किडनियां पहुंचाई गईं और मरीजों का ऑपरेशन किया गया।
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