हर साल जुलाई में विश्व ब्रेन दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है “Good Brain for All Ages”, जो सभी उम्र के लोगों के लिए ब्रेन हेल्थ को प्राथमिकता देने की बात करती है। वर्तमान समय में ब्रेन हेल्थ को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी हो गई है। स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज और ब्रेन ट्यूमर जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डॉ. रजनीश कछारा, डायरेक्टर, न्यूरोसाइंसेस, मेदांता अस्पताल इंदौर ने बताया, “आज के समय में ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का ट्रेंड बदल गया है। सबसे बड़ी समस्या ट्रामा (चोट) है, जो सड़क हादसों में होती है। एक्सीडेंट में ब्रेन को होने वाली चोट से मरीज की जान भी जा सकती है। इसके अलावा ब्रेन हेमरेज, स्ट्रोक और ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ रहे हैं। हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), डायबिटीज और खराब फूड हैबिट्स स्ट्रोक का मुख्य कारण बन रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “पहले ब्रेन ट्यूमर को उम्रदराज लोगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह युवा वर्ग में भी देखा जा रहा है। इसके कारण में समय पर डायग्नोसिस भी शामिल है। अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होने से ब्रेन ट्यूमर जल्दी पहचान में आ रहा है। इसके अलावा प्रदूषण, अनुवांशिक कारण और खराब जीवनशैली भी इसका कारण बन रहे हैं।”
डॉ. कछारा ने बताया, “स्ट्रोक या ब्रेन अटैक हार्ट अटैक की तरह एकदम से होता है। इसमें आवश्यक है कि लक्षण दिखते ही तुरंत मरीज को नजदीकी न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोसर्जिकल सेंटर ले जाएं। इसमें समय बेहद अहम होता है, 4.5 घंटे के भीतर इलाज शुरू हो जाना चाहिए। स्ट्रोक में हर मिनट कीमती है। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतनी ही अधिक जान बचने की संभावना होगी।”
विश्व ब्रेन दिवस वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी की पहल पर मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों और समय पर इलाज के महत्व को लेकर लोगों को जागरूक करना।
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