इंदौर – स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (IOA) की इंदौर शाखा इस साल ‘नेशनल बोन एंड जॉइंट डे’ को एक दिन तक सीमित न रखते हुए, 1 से 7 अगस्त तक ‘नेशनल बोन एंड जॉइंट वीक’ के रूप में मनाएगी। बदलती जीवनशैली, बीमारियों और सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते खतरे के मद्देनजर, इस साप्ताहिक अभियान का उद्देश्य न सिर्फ हड्डियों और जोड़ों की देखभाल पर बल्कि ट्रैफिक सुरक्षा, सक्रिय जीवनशैली और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी जागरूकता बढ़ाना है।
इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मंडोवरा ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान शहर के चुनिंदा स्कूलों और कॉलेजों में ट्रैफिक अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें छात्रों को हेलमेट, सीट बेल्ट के उपयोग और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन से बचने जैसी आदतों की जानकारी दी जाएगी। प्रमुख चौराहों पर लगाए जाने वाले जागरूकता शिविरों के माध्यम से राहगीरों को सड़क सुरक्षा और हड्डियों की सेहत के बारे में शिक्षित किया जाएगा।
आमजन के लिए हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी बीमारियों की पहचान व बचाव के उपाय समझाने हेतु प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। जरूरतमंद लोगों के लिए निःशुल्क बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) टेस्टिंग कैंप और कुछ स्थानों पर मुफ्त सर्जरी की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा, फिटनेस और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए साइक्लोथॉन और वृक्षारोपण जैसे आयोजन भी होंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम्स में जाकर जांच व परामर्श प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें भावनात्मक और चिकित्सकीय सहयोग मिल सके। सप्ताह के समापन पर ‘व्हाइट पेपर’ प्रशासन को सौंपा जाएगा, जिसमें बुजुर्गों की हड्डी स्वास्थ्य चुनौतियों और उनके समाधान के सुझाव शामिल होंगे।
इंदौर चैप्टर के सचिव डॉ. अर्जुन जैन ने कहा कि यह सप्ताह सिर्फ स्वास्थ्य अभियान नहीं, बल्कि सतत सामाजिक पहल भी है, जिसका उद्देश्य हड्डियों और जोड़ों की सेहत के साथ-साथ, ट्रैफिक सुरक्षा और सक्रिय जीवनशैली के महत्व को हर वर्ग तक पहुँचाना है। समय पर जांच और देखभाल से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है, जबकि सड़क सुरक्षा से हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है। साइक्लोथॉन और अन्य फिटनेस गतिविधियाँ मोटापा, डायबिटीज़ व हृदय रोग जैसे जोखिमों से बचाव में सहायक होंगी।
सहसचिव डॉ. अनुराग पनवेल के अनुसार, “यह पहल सिर्फ चिकित्सा सेवा तक सीमित न रहकर वरिष्ठ नागरिकों को समाज से जोड़ने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयास भी है।” अभियान की शुरुआत 29 जुलाई को सीएमई (कंटिन्युअस मेडिकल एजुकेशन) से हो चुकी है, जिसके बाद ट्रैफिक अवेयरनेस कार्यक्रम, जागरूकता कैंप, प्रदर्शनी, IOS गोल्डन अवार्ड्स, वृक्षारोपण, निःशुल्क BMD टेस्ट और सर्जरी, साइक्लोथॉन, ओल्ड एज होम्स का दौरा और प्रशासन को ‘व्हाइट पेपर’ सौंपने जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
इस सप्ताह के जरिए इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने लोगों को सुरक्षित, सक्रिय और जिम्मेदार जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करने का संकल्प लिया है।
Thank you for reading this post!