भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर ने “स्कूल ऑफ इनोवेशन” के तहत अपना पहला बैचलर ऑफ डिजाइन (बीडिज़) कार्यक्रम शुरू किया है। यह नया शैक्षणिक व अनुसंधान केंद्र बहुविषयक नवाचार, उद्यमिता और डिज़ाइन थिंकिंग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
इस शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता जमीनी नवाचार के विद्वान और पूर्व आईआईएम अहमदाबाद प्रोफेसर प्रो. अनिल कुमार गुप्ता ने की। कार्यक्रम में संस्थान निदेशक प्रो. सुहास जोशी सहित वरिष्ठ फैकल्टी, उद्योग विशेषज्ञ, छात्र नवाचारी और स्टाफ ने भाग लिया।
मुख्य भाषण में प्रो. गुप्ता ने समावेशी, स्थानीय और टिकाऊ नवाचार के ज़रिये युवाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कचरा प्रबंधन, सस्ती इंजीनियरिंग, डीप टेक्नोलॉजी और सतत विकास जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात कही।
प्रो. जोशी ने बताया कि स्कूल ऑफ इनोवेशन केवल एक नया विभाग नहीं, बल्कि एक मानसिकता में बदलाव है। यह ऐसा मंच होगा जहाँ विचार व्यावहारिक समाधान बनेंगे, और नवाचार समाज में परिवर्तन का माध्यम बनेगा। इस चार वर्षीय बीडिज़ कोर्स में शहरी प्रणाली, शैक्षिक तकनीक, स्वास्थ्य प्रणाली और सतत ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
स्कूल ऑफ इनोवेशन अकादमिक कार्यक्रमों के साथ-साथ हैंड्स-ऑन वर्कशॉप, स्टार्टअप सहयोग, डिज़ाइन-आधारित प्रोजेक्ट्स और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगा। यहाँ हैकथॉन, डिज़ाइन स्प्रिंट और नवाचार चुनौतियों का आयोजन किया जाएगा।
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