एचडीएफसी बैंक ने अपनी सीएसआर शाखा ‘परिवर्तन’ के माध्यम से मध्य प्रदेश में 63.72 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। 2015 से सक्रिय यह अभियान राज्य के 55 में से 38 ज़िलों को कवर करता है और ग्रामीण विकास, शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, वित्तीय साक्षरता और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। अब तक 69,000 किसान, 26,000 छात्र और 17,000 प्रशिक्षित युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
राज्य में बैंक की सीएसआर मौजूदगी मज़बूत और सतत रही है। 33 ज़िलों में परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं जबकि 17 ज़िलों में अब भी गतिविधियाँ जारी हैं। टीकमगढ़ और उज्जैन में जल्द ही नई परियोजनाएँ शुरू होंगी। समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत अलीराजपुर, अशोकनगर, भोपाल, छिंदवाड़ा, देवास, इंदौर, खरगोन और सीहोर के 165 गाँवों को कवर किया गया है।
बैंक का जल संरक्षण अभियान भी उल्लेखनीय है, जिसके तहत 2,000 से अधिक जल संरचनाएँ बनाकर 37,000 एकड़ भूमि को सिंचित किया गया है। अशोकनगर, सीहोर और खरगोन में माइक्रो इरिगेशन, सोलर पंप और स्टॉप डैम जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, वहीं सिंगरौली और उमरिया में वाटरशेड प्रबंधन से भूजल पुनर्भरण और जल उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।
अशोकनगर के चंदेरी ब्लॉक में, बैंक ने अभ्युदय संस्थान के साथ साझेदारी में टिकाऊ खेती को बढ़ावा दिया है, जिससे किसानों की आय में 30-40% की वृद्धि हुई है। इस पहल से 4,000 एकड़ में सिंचाई, 15 गाँवों में स्वच्छ ऊर्जा और 5,000 पेड़ लगाने जैसे पर्यावरणीय लाभ भी सामने आए हैं।
सीहोर के 20 गाँवों में बहु-स्तरीय खेती तकनीकों के माध्यम से किसानों की मौसमी आय 9,000 रुपये से बढ़कर 1.2 लाख रुपये हो गई है। वहीं, खंडवा में सहजन की खेती से कुपोषण की समस्या से निपटने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल रही है।
गुना और मालवा में डेयरी सहकारी समितियाँ और बाजरा आधारित उद्यम चलाए जा रहे हैं, जो आजीविका के स्थायी स्रोत बन रहे हैं। इसके अतिरिक्त, प्राण में सोलर चलित हथकरघों ने चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियों की बुनाई को पुनर्जीवित किया है, जिससे स्थानीय महिलाओं को बेहतर रोज़गार और बाज़ार तक पहुँच मिल रही है।
एचडीएफसी बैंक की सीएसआर प्रमुख नुसरत पठान के अनुसार, ‘परिवर्तन’ कार्यक्रम क्षेत्र की ज़रूरतों के अनुसार डिज़ाइन किए गए हैं और जमीनी स्तर पर प्रभावी बदलाव लाने का प्रयास करते हैं। बैंक के एमपी प्रमुख प्रतीक शर्मा ने इसे बैंक की सामाजिक ज़िम्मेदारी का अहम हिस्सा बताया। मार्च 2025 तक, एचडीएफसी बैंक ने देशभर में सीएसआर गतिविधियों पर 1,068 करोड़ रुपये खर्च किए और परिवर्तन के ज़रिए 10.56 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है।
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