इंदौर – इंदौर में आयोजित रेज़ोल्यूट भारत कॉन्फ्रेंस में बीना को भारत के दूसरे सबसे बड़े पेट्रोकेमिकल हब के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण हुआ। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) और इंडियन प्लास्टपैक फोरम के संयुक्त आयोजन में उद्योग जगत के दिग्गजों ने हिस्सा लिया।
गुजरात के बाद अब मध्यप्रदेश की बारी
बीना रिफाइनरी के मौजूदा परिसर के निकट स्थापित होने वाला यह पेट्रोकेमिकल प्लांट गुजरात के दाहोद के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल हब बनने जा रहा है। यह परियोजना न केवल मध्यप्रदेश की औद्योगिक पहचान को नई ऊंचाई देगी बल्कि पूरे मध्य भारत को एक मजबूत इंडस्ट्रियल बेल्ट के रूप में स्थापित करेगी।
सरकार का मजबूत समर्थन और व्यापक विज़न
एमपीआईडीसी के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र सिंह ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “विकसित भारत के संकल्प के साथ मध्यप्रदेश तेजी से एक प्रमुख निवेश गंतव्य बन रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि निवेशकों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलें – चाहे वो कनेक्टिविटी हो, ट्रांसपोर्टेशन हो, अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो या कुशल मानव संसाधन।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भी हमने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। बीना प्रोजेक्ट भविष्य की एक मजबूत नींव साबित होगा।”
बीपीसीएल का 50 साल का अनुभव और नया विज़न
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के मार्केटिंग डायरेक्टर शुभांकर सेन ने प्रोजेक्ट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “बीपीसीएल के 50 सालों के अनुभव के साथ, बीना प्लांट भारत की औद्योगिक यात्रा में एक मील का पत्थर बनेगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ घरेलू मांग पूरी करना नहीं, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है।”
सेन ने आगे कहा, “बीना को पेट्रोकेमिकल रीजन के रूप में विकसित करना सिर्फ मध्यप्रदेश की नहीं बल्कि पूरे देश की औद्योगिक क्रांति की शुरुआत है। हमें मिलकर भारत को उत्पादन क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनाना है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ विकसित भारत का निर्माण हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।”
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की राय: छोटे उद्यमों के लिए भी सुनहरे अवसर
इंडियन प्लास्टपैक फोरम के प्रेसिडेंट सचिन बंसल ने भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “पेट्रोकेमिकल और पॉलिमर सेक्टर भारत के औद्योगिक भविष्य की धुरी हैं। बीना में बीपीसीएल का यह निवेश केवल बड़े कॉरपोरेशन्स के लिए नहीं बल्कि एसएमई सेक्टर के लिए भी अपार संभावनाएं लेकर आएगा।”
उन्होंने डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज के विकास पर भी जोर देते हुए कहा, “एक मजबूत और टिकाऊ इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम बनाने के लिए नीति-निर्माण और सहयोगी प्रयासों की जरूरत है।”
रोजगार और आत्मनिर्भरता की नई कहानी
यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक औद्योगिक निवेश नहीं है – यह मध्यप्रदेश और पूरे भारत की औद्योगिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक गेम चेंजर साबित होगा। प्रोजेक्ट से:
- लाखों युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर
- स्थानीय उद्योगों को नई तकनीक और बाजार तक पहुंच
- मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार
- राष्ट्रीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती
कॉन्फ्रेंस में बीपीसीएल और एमपीआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रमुख हस्ताक्षर उपस्थित रहे:इसके अतिरिक्त विभिन्न कंपनियों और एसोसिएशन्स के प्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
रेज़ोल्यूट भारत कॉन्फ्रेंस ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक भविष्य की एक स्पष्ट तस्वीर पेश की है। बीना पेट्रोकेमिकल प्लांट न केवल राज्य की आर्थिक दशा बदलेगा बल्कि भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग मैप पर एक प्रमुख स्थान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कॉन्फ्रेंस मध्यप्रदेश के इंडस्ट्रियल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में याद की जाएगी।
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