वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का आम बजट पेश किया, जिसमें मध्यम वर्ग, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। आइए जानते हैं बजट की मुख्य बातें:
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
आम आदमी के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी – अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक है। नई टैक्स व्यवस्था में:
- 4 लाख तक – शून्य टैक्स
- 4-8 लाख – 5% टैक्स
- 8-12 लाख – 10% टैक्स
बुजुर्गों के लिए विशेष प्रावधान
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई राहतभरे प्रावधान किए गए हैं:
- टैक्स छूट सीमा दोगुनी करके 1 लाख रुपये की गई
- 36 जीवन रक्षक दवाएं पूरी तरह टैक्स फ्री
- देशभर में 200 डे-केयर कैंसर सेंटर की स्थापना
- मेडिकल उपकरणों और कैंसर दवाओं पर टैक्स में कमी
युवाओं के लिए नए अवसर 🎓
- स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ का विशेष फंड
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 3 एक्सीलेंस सेंटर
- IIT में 6,500 नई सीटें
- मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें
- 10,000 नई पीएम रिसर्च फेलोशिप
किसानों के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं 🌾
- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़कर 5 लाख रुपये
- पीएम धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत
- डेयरी और मत्स्य पालन के लिए 5 लाख तक का लोन
- बिहार में मखाना बोर्ड का गठन
व्यापारियों को राहत 💼
- MSME लोन गारंटी सीमा 10 करोड़ तक बढ़ी
- सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख तक के कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड
- स्ट्रीट वेंडर्स के लिए PM स्वनिधि लोन की सीमा 30,000 रुपये
- टैरिफ रेट्स की संख्या घटाकर 8 की गई
महिला सशक्तिकरण की पहल 👩
- SC-ST की महिला उद्यमियों के लिए विशेष लोन योजना
- नई महिला उद्यमियों को 2 करोड़ तक का टर्म लोन
यह बजट विकास, रोजगार और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है। मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत, बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और युवाओं के लिए नए अवसर इस बजट की प्रमुख विशेषताएं हैं।
बजट पर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रिया :-
मध्यम वर्ग की मांग में कमी को लेकर चिंताओं को दूर करते हुए, बजट में स्रोत पर कर कटौती की सीमाओं में संशोधन के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर स्लैब को पूरी तरह से तर्कसंगत बनाया गया है। इससे उपभोक्ता मांग और मध्यम वर्ग की बचत को बढ़ावा मिलने की संभावना है, जो बढ़ती महंगाई और कम आय वृद्धि की चुनौतियों का सामना कर रहा है।
वित्त मंत्री का राजकोषीय रणनीति खपत को बढ़ावा देने की ओर झुकाव है, जबकि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का लक्ष्य 2024-25 के बजट योजनाओं से मोटे तौर पर अपरिवर्तित रखा गया है। आज की बजट घोषणा से 2025-26 में 6.6% की जीडीपी वृद्धि की हमारी अपेक्षा मजबूत होती है। बाजार उधारी के मोटे तौर पर अपेक्षाओं के अनुरूप होने से बॉन्ड मार्केट के लिए कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है। इसके साथ ही आरबीआई द्वारा आगामी दरों में कटौती और ओपन मार्केट खरीद से बॉन्ड यील्ड के कम होने की उम्मीद है।
साक्षी गुप्ता, प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट, एचडीएफसी बैंक
केंद्रीय बजट 2025-26 भारत के स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने की एक साहसिक और दूरदर्शी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बुनियादी ढांचे, मेडिकल शिक्षा और एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स में किए गए व्यापक निवेश से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार में अग्रणी बनने में भी मदद मिलेगी। जीवनरक्षक दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी की छूट गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है, जिससे उपचार अधिक किफायती होगा। हम इस प्रगतिशील बजट का स्वागत करते हैं और सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र में सार्थक प्रगति लाने के लिए तत्पर हैं।
संजीव भट्ट, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट- कॉर्पोरेट स्ट्रेटेजी, मेरिल
“केंद्रीय बजट 2025 भारत के सस्टैनेबल डेवलपमेंट और आर्थिक मजबूती की दिशा में एक दूरदर्शी प्लान है। इस बजट में एनर्जी, माइनिंग, शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंस के क्षेत्र में सुधार की योजनाएं बनाई गई हैं, जो लंबी अवधि में विकास को गति देने में मदद करेंगी। आने वाले वर्षों में एमएसएमई, स्टार्टअप और किसानों को मजबूत वित्तीय समर्थन मिलेगा, जिससे नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, टैक्स में राहत और फिस्कल डिसिप्लिन व्यापारिक विश्वास को बढ़ाएंगे, जिससे भारतीय बाजार में निवेश बढ़ेगा।”
सीए भव्य मंत्री, बी मंत्री एंड कंपनी
2025-26 का बजट स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। यह सरकार की नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ₹10,000 करोड़ का नया फंड ऑफ फंड्स लॉन्च किया गया है, जो ₹91,000 करोड़ की पहले से मौजूद प्रतिबद्धता को और सशक्त करेगा। इसके अलावा, स्टार्टअप्स के लिए ₹20 करोड़ तक का बिना गारंटी का लोन और एमएसएमई के लिए ₹10 करोड़ तक का लोन घोषित किया गया है। स्टार्टअप्स आमतौर पर इक्विटी फंडिंग पर निर्भर होते हैं, लेकिन सरकार ने डेट-आधारित सपोर्ट देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, जिससे उपभोग और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सावन लड्ढा ,सचिव इंदौर इन्वेस्ट, फाउंडर वर्की
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