इंदौर: आज के प्रतिस्पर्धी दौर में, जब स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ रही है, तब भी कुछ समस्याएं बार-बार सामने आती हैं, जिन्हें अनदेखा कर दिया जाता है। बार-बार चक्कर आना, चलते समय असंतुलन होना, अचानक गिर जाना, सिर घुमाने पर आंखों के सामने अंधेरा छा जाना या दिशा का भ्रम होना—ये सभी लक्षण वेस्टिबुलर डिसऑर्डर के संकेत हैं, अर्थात शरीर के संतुलन और दिशा बोध से जुड़ी प्रणाली में गड़बड़ी होने के। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स, इंदौर ने उच्चतम तकनीक से लैस वेस्टिबुलर लैब का उद्घाटन अपने परिसर में किया। यह लैब न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक अनूठी और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा के रूप में स्थापित हो रही है।
केयर सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष बागड़ी ने कहा: “हमारे देश में स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है या केवल लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है, लेकिन उनकी मुख्य वजहें अलग हो सकती हैं। वेस्टिबुलर डिसऑर्डर ऐसी ही एक जटिल अवस्था है, जिसमें मरीज को बार-बार चक्कर आना, गिरने की आशंका या संतुलन की समस्या दिखाई देती है। बहुत लोग इसे कमजोरी, तनाव या बुढ़ापे से जुड़ा मानकर अनदेखा करते हैं, लेकिन समय रहते इसका सटीक निदान व इलाज न हो तो यह गंभीर रूप ले सकता है। केयर सीएचएल की नई वेस्टिबुलर लैब इसी दिशा में मील का पत्थर है। अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से यहां मरीजों की संतुलन प्रणाली की गहराई से जांच की जा सकेगी, जिससे सही कारणों का पता चलेगा और हर मरीज के लिए अलग व प्रभावी इलाज योजना बनाई जा सकेगी। यह सुविधा विशेष तौर पर वरिष्ठ नागरिकों, बार-बार गिरने वाले बच्चों और न्यूरोलॉजिकल या कान संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।”
केयर सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक सोनगरा ने कहा: “आज चिकित्सा क्षेत्र में सबसे पहली आवश्यकता है—सटीक निदान और मरीज-केंद्रित उपचार प्लान। वेस्टिबुलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियां अक्सर लंबे समय तक गलत पहचान या अधूरे इलाज के कारण मरीज को परेशान करती रहती हैं। मरीज को चक्कर आना, दिशा भ्रम, सिर घुमाने पर आंखों के सामने धुंधलापन आना जैसी समस्याएं कभी-कभी सिर्फ असुविधाजनक ही नहीं, बल्कि खतरनाक भी हो सकती हैं, खासकर बुजुर्गों व गिरने की आशंका वाले मरीजों के लिए। हमारी अत्याधुनिक वेस्टिबुलर लैब इस समस्या का हल देने में बड़ा कदम है। यहां वीडियो निस्टैग्मोग्राफी (VNG), डायनामिक विजुअल एक्यूटी (DVA), सब्जेक्टिव विजुअल वर्टिकल (SVV) जैसी जांचें मरीजों के वेस्टिबुलर सिस्टम को सूक्ष्मता से समझने में मदद करेंगी। इससे न केवल जल्दी रोग की पहचान होगी, बल्कि वैज्ञानिक तरीके से असरदार इलाज भी मिल पाएगा।”
केयर सीएचएल हॉस्पिटल के सीओओ श्री मनीष गुप्ता ने कहा: “केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स ने इस दिशा में विश्व की सबसे बड़ी वर्टिगो व डिज़ीनेस क्लीनिक श्रृंखला न्यूरोइक्विलिब्रियम से साझेदारी की है। इस लैब में विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग करते हुए प्रत्येक मरीज को केंद्र में रखकर निदान व उपचार होगा। अब मरीजों को इन लक्षणों के लिए मेट्रो सिटी या विदेश जाने की जरूरत नहीं; इंदौर में ही एक ही छत के नीचे उच्च गुणवत्ता की जांच, निदान और रोग-विशेष आधारित रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम्स मिल सकेंगे। इस वेस्टिबुलर लैब के ज़रिए केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स ने न केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधा शुरू की है, बल्कि अनगिनत लोगों के जीवन को स्थिरता, सुरक्षा और आत्मविश्वास देने का संकल्प भी लिया है।
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