मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान 50 नई इलेक्ट्रिक एसी बसों को हरी झंडी दिखाई, जिससे इंदौर शहर को एक बड़ी सौगात मिली है। ये बसें ‘नेट कॉस्ट मॉडल’ पर संचालित होंगी, जिसमें केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत 40% सब्सिडी मिलेगी, जिससे इनकी संचालन लागत शून्य रहेगी।
इन 50 बसों पर करीब 60 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इन बसों के चलने से हर साल लगभग 22.68 लाख किलो कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के उत्सर्जन में कमी आएगी। बसों में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए डिजिटल टिकटिंग, जीपीएस, सीसीटीवी और पैनिक बटन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं लगाई गई हैं। इंदौर में पहले से ही 70 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, और इन नई बसों के जुड़ने से शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था और मजबूत होगी, जिससे रोजाना 2 लाख से अधिक यात्री लाभान्वित होंगे।
इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच की संख्या बढ़ी
इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के लिए बुधवार को 16 कोच का नया रैक इंदौर पहुंच गया है। यह रैक पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से सोलापुर के बीच चलने वाली ट्रेन का था। अब इस रैक का मेंटेनेंस होने के बाद जल्द ही ट्रेन 16 कोचों के साथ चलाई जाएगी। हालांकि, बढ़ी हुई सीटों वाली ट्रेन कब से शुरू होगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं है।
वर्तमान में 8 कोच के साथ चल रही इस ट्रेन में 530 सीटें हैं। 16 कोच होने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 1150 हो जाएगी। इस विस्तार के साथ, इंदौर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस पश्चिमी रेलवे की एकमात्र ऐसी ट्रेन बन गई है, जिसमें कोच की संख्या बढ़ाई गई है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
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