रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए इंदौर आने वाली ट्रेनों और बसों में भारी भीड़ देखी जा रही है। मुंबई, पुणे और दिल्ली से आने वाली अधिकांश ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 100 से पार पहुंच चुकी है। रेलवे के अनुसार, 8 अगस्त को मुंबई-इंदौर अवंतिका एक्सप्रेस में थर्ड एसी की वेटिंग 96 और स्लीपर की 121 तक है, जबकि पुणे-इंदौर ट्रेन में स्लीपर क्लास की वेटिंग 143 चल रही है। इंदौर आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ने से टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। इसी भीड़ के कारण यात्री अब बसों को विकल्प के रूप में चुन रहे हैं, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने किराया दोगुना या उससे अधिक कर दिया है। सामान्य दिनों में मुंबई या पुणे से इंदौर तक का बस किराया ₹1000 से ₹1200 होता है, जो अब ₹2500 से ₹3000 तक पहुंच गया है। राजस्थान रूट पर भी डेढ़ गुना किराया वसूला जा रहा है।
उधर, फ्लाइट किराए भी आसमान छूने लगे हैं। 9 अगस्त को मुंबई से इंदौर आने वाली फ्लाइट का किराया ₹8000 तक पहुंच गया है, जबकि सामान्य दिनों में यही टिकट ₹4000–₹5000 में मिल जाती है। दिल्ली, पुणे और बेंगलुरु से आने वाली उड़ानों के दाम भी बढ़े हैं। हालांकि मुंबई के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन से थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन तेजस एक्सप्रेस का ऊंचा किराया कई यात्रियों को खल रहा है। कुल मिलाकर, रक्षाबंधन के कारण इंदौर लौट रहे यात्रियों को ट्रेन, बस और फ्लाइट — हर साधन में अतिरिक्त खर्च और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
इस बढ़ती मांग का फायदा उठाते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने भी किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी है। आम दिनों की तुलना में बसों का किराया लगभग दो से तीन गुना तक बढ़ गया है। कुछ रूट्स पर तो किराया हवाई जहाज के टिकट के बराबर पहुंच गया है। वहीं, सरकार की ओर से अतिरिक्त बसें और विशेष ट्रेनें चलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन त्योहार के कारण भारी भीड़ को संभालना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं और टिकट की पुष्टि के बाद ही सफर करें।
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