मध्य प्रदेश के इंदौर में गोदरेज ग्रुप ने नए साल पर 206 करोड़ रुपए में जमीन का एक बड़ा सौदा किया है। इस सौदे की रजिस्ट्री गुरुवार को हुई। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2025 का अब तक का सबसे बड़ा जमीन सौदा है।
गोदरेज प्रोजेक्ट डेवलपमेंट्स लिमिटेड ने यह 24.30 एकड़ जमीन मांगलिया गांव, तहसील सांवेर में हेरिटेज डेवलपर्स (विजय मीरचंदानी) से खरीदी है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज, जो भारत के प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक है, ने इंदौर में लगभग 24 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। इस भूमि पर प्रीमियम प्लॉटेड आवासीय इकाइयों का निर्माण होगा, जिसमें लगभग 6.20 लाख वर्ग फीट का बिक्री योग्य क्षेत्र विकसित किया जाएगा। यह अधिग्रहण इंदौर-उज्जैन रोड पर जुलाई 2024 में 46 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के बाद गोदरेज का इंदौर में दूसरा बड़ा निवेश है, जो शहर में कंपनी की उपस्थिति को और मजबूत करेगा।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के एमडी और सीईओ गौरव पांडे ने कहा, “इंदौर में अपनी उपस्थिति का विस्तार करते हुए हमें खुशी हो रही है। यह शहर हमारी योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। आवासीय प्लॉटेड विकास की बढ़ती मांग को देखते हुए, इंदौर बायपास रोड हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है। हमारा उद्देश्य एक स्थायी और समृद्ध समुदाय का निर्माण करना है, जो इंदौर की विकास क्षमता का पूरा लाभ उठाए।”
गाइडलाइन से पांच गुना अधिक कीमत पर सौदा
इस जमीन का सरकारी गाइडलाइन मूल्य 37.60 करोड़ रुपए है, लेकिन गोदरेज ने इसे 206 करोड़ रुपए में खरीदा। यह भुगतान एकल चेक के माध्यम से किया गया। इस सौदे से राज्य सरकार को 7.13 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
पंजीयन प्रक्रिया वरिष्ठ उप पंजीयक प्रशांत पाराशर ने पूरी की। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा ने कहा कि इंदौर अब रियल एस्टेट निवेश का प्रमुख केंद्र बन रहा है। यहां कॉर्पोरेट निवेश की बढ़ती प्रवृत्ति से संगठित हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और फ्लैट्स को बढ़ावा मिल रहा है।
2024 में भी गोदरेज का बड़ा निवेश
गोदरेज ने 2024 में इंदौर में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी, जब उसने ग्राम शहाणा, तहसील सांवेर में 47 एकड़ जमीन 200 करोड़ रुपए में खरीदी थी। यह जमीन गाइडलाइन से 13 गुना अधिक कीमत पर खरीदी गई थी, जिससे सरकार को 5.26 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
टियर-2 सिटी के रूप में इंदौर की प्राथमिकता
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने इंदौर-उज्जैन रोड पर 46 एकड़ जमीन के अधिग्रहण से अपने पहले प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। यह सौदा सीधे किसानों से किया गया था। पुणे और बेंगलुरु के बाद गोदरेज ने टियर-2 शहरों में इंदौर को प्राथमिकता दी है। यह मप्र में किसी कॉर्पोरेट द्वारा पहला प्लॉटिंग प्रोजेक्ट होगा।
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