इंदौर। किडनी रोगों को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि इनके प्रारंभिक लक्षण स्पष्ट नहीं होते। जब तक मरीज को कोई गंभीर समस्या महसूस होती है, तब तक किडनी की 60-70% कार्यक्षमता खत्म हो चुकी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 13 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है, ताकि किडनी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इस वर्ष किडनी दिवस के अवसर पर मेदांता हॉस्पिटल, इंदौर ने किडनी स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने और समय पर जाँच की आदत विकसित करने के उद्देश्य से विशेष निःशुल्क किडनी (क्रिएटिनिन) जाँच अभियान शुरू किया है। 1 मार्च से प्रारंभ हुए इस महाअभियान का मकसद लोगों को किडनी संबंधी रोगों के बारे में शिक्षित करना, प्रारंभिक जाँच द्वारा संभावित समस्याओं की पहचान करना और किडनी रोगों की रोकथाम के उपायों पर ज़ोर देना है।
नियमित जाँच से बचाव संभव
मेदांता सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंदौर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जय अरोड़ा के अनुसार, “किडनी हमारे शरीर के लिए फ़िल्टर की तरह कार्य करती है, जो रक्त को साफ़ कर विषैले पदार्थों को बाहर निकालती है। लेकिन जब यह ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे कई गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि अधिकतर मामलों में किडनी की बीमारियाँ प्रारंभिक अवस्था में लक्षण नहीं दिखातीं, इसलिए नियमित जाँच बेहद ज़रूरी है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, भारत में हर 100 में से 18 व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की किडनी संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अधिकांश लोग इस बारे में जागरूक नहीं होते। समय पर जाँच न कराने और शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने के कारण किडनी की समस्याएँ गंभीर रूप ले सकती हैं, जिससे मरीज को डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ सकती है।
इन लक्षणों को न करें नज़रअंदाज़
यदि निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत किडनी जाँच करवानी चाहिए:
- पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन
- बार-बार पेशाब आना या बहुत कम आना
- पेशाब में झाग आना
- अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना
- नियंत्रित न होने वाला उच्च रक्तचाप
- भूख कम लगना और मतली महसूस होना
विश्व रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहा अभियान
डॉ. अरोड़ा के अनुसार,“इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को किडनी जाँच के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें। प्रारंभिक कुछ दिनों में ही हमें लोगों से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, और हम इसे विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में ले जा रहे हैं।”
इस अभियान के तहत:
- निःशुल्क क्रिएटिनिन जाँच प्रदान की जा रही है, ताकि समय रहते किडनी रोगों की पहचान हो सके।
- यदि जाँच में कोई असामान्यता पाई जाती है, तो विशेषज्ञ डॉक्टरों से निःशुल्क परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा।
- लोगों को किडनी स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
समय पर जाँच करें, किडनी को स्वस्थ रखें
किडनी की बीमारी से बचने के लिए समय पर जाँच करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत आवश्यक है। विश्व किडनी दिवस के अवसर पर मेदांता का यह अभियान समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है – “जाँच करवाएँ, स्वस्थ रहें!”
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