जगथी फाउंडेशन ने केयर हॉस्पिटल्स के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के साथ मिलकर सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए तेजस्विनी और प्रेरणा नाम के दो कार्यक्रम चलाए। इस अभियान का मुख्य मकसद युवा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना और उन्हें इन बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक करना था। इसमें खासकर बीमारियों का जल्दी पता लगाने और मासिक धर्म के दौरान सही स्वच्छता बनाए रखने के टिकाऊ तरीकों पर ज़ोर दिया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य डेटा के मुताबिक, भारत में महिलाओं की मौत का एक बड़ा कारण सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर है, जिसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी और समय पर जाँच और इलाज की सुविधा न मिल पाना है। तेजस्विनी और प्रेरणा जैसी पहल सामुदायिक शिक्षा और जल्दी जाँच की सुविधा देकर इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं।
केयर हॉस्पिटल्स, इंदौर की जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि मसंद ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करके महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। सत्रों के दौरान, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की नियमित जाँच के महत्व पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन करना भी सिखाया और बेहतर स्वास्थ्य के लिए मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई के महत्व को समझाया। इसके अलावा, सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के बारे में भी जानकारी दी गई और इसे एक प्रभावी निवारक उपाय बताया गया।
इस दौरान, छात्राओं को बिना किसी झिझक के सवाल पूछने और अपनी चिंताएँ साझा करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि इन संवेदनशील विषयों पर खुलकर बातचीत हो सके। डॉ. अंजलि मसंद ने कहा, “तेजस्विनी और प्रेरणा का उद्देश्य युवा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देकर उन्हें अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ की ज़िम्मेदारी खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि केयर हॉस्पिटल्स के साथ जुड़ने से इन पहलों की पहुँच और विश्वसनीयता बढ़ी है।
इस अभियान के हिस्से के रूप में, लगभग 800 प्रतिभागियों को पर्यावरण के अनुकूल बांस से बने सैनिटरी पैड दिए गए। ये बायोडिग्रेडेबल और प्लास्टिक-फ्री पैड सामान्य पैड का एक टिकाऊ विकल्प हैं। यह कदम महिलाओं के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण दोनों के प्रति जगथी फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न केवल मासिक धर्म के दौरान बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला, बल्कि लड़कियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक विकल्प चुनने के लिए भी प्रेरित किया गया।
Thank you for reading this post!