खरीफ फसलों का सरकारी भाव बढ़ा
इंदौर। केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों का सरकारी भाव 5 से 12.7 फीसद बढ़ाया है। इसमें सोयाबीन का भाव 292 रुपए बढ़ाकर 4892, मूंगफली का 406 बढ़ाकर 6783 रुपए किया गया है। सोया उद्योग ने सरकार के ऐलान का स्वागत तो किया, लेकिन यह भी मांग की है कि खाने के तेल के सीमा शुल्क को सरकारी भाव से जोड़े।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमेन डॉ. डेविश जैन ने कहा
तिलहनों के सरकारी भाव में वृद्धि किसानों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन अगर खाने के तेलों पर सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया तो सरकारी भाव पर सोयाबीन की खरीद को बेहतर बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सोयाबीन की कीमतों को सरकारी भाव के स्तर से ऊपर बनाए रखने के लिए डॉ. जैन ने सरकार से खाने के तेलों पर सीमा शुल्क और कृषि उपकर को सराकरी भाव से लिंक करने की मांग की है । उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन पर जल्द काम करने का भी आग्रह किया, जिससे की देश में तिलहन की सालाना पैदावार कम से कम 55 मिलियन टन से ऊपर के स्तर पर रहे ।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को हाल ही में लिखी चिट्ठी में, डॉ. जैन ने घरेलू तिलहनों और तेल उद्योग पर बाहर से आने वाले खाने के तेल के नकारात्मक प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से आयातित तेलों पर सीमा शुल्क और कृषि उपकर में पर्याप्त वृद्धि की मांग की। उन्होंने कहा कि आयातित तेलों पर सीमा शुल्क में वृद्धि से घरेलू तिलहन पैदावार को बढ़ावा मिलेगा। यहां के किसान ज्यादा से ज्यादा तिलहन पैदावार करेंगे। इससे भारत को तेलों और तिलहनों में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
Thank you for reading this post!