‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025’ में मध्य प्रदेश का दबदबा कायम रहा है। इस सर्वेक्षण में इंदौर ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है। वहीं, इसी श्रेणी में जबलपुर दूसरे स्थान पर रहा। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में देवास को पहला स्थान मिला है।
यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के लिए दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस सफलता पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि मध्य प्रदेश ने स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में फिर इतिहास रचा है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस मौके पर कहा कि कई शहरों ने औद्योगिक केंद्र या कोयला खदानें होने के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने अन्य शहरों से इंदौर का अनुकरण करने का आग्रह किया, ताकि वायु प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच 75 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य भी घोषित किया।
विभिन्न श्रेणियों में शीर्ष शहर:
- 10 लाख से अधिक आबादी: इंदौर (पहला), जबलपुर (दूसरा), आगरा और सूरत (संयुक्त रूप से तीसरा)।
- 3-10 लाख आबादी: अमरावती (महाराष्ट्र) (पहला), झांसी और मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) (संयुक्त रूप से दूसरा), अलवर (राजस्थान) (तीसरा)।
- 3 लाख से कम आबादी: देवास (मध्य प्रदेश) (पहला), परवाणू (हिमाचल प्रदेश) (दूसरा), अंगुल (ओडिशा) (तीसरा)।
इसके अलावा, इंदौर और उदयपुर को रामसर संधि के तहत ‘आर्द्रभूमि शहरों’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के लिए भी पुरस्कृत किया गया है।
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