29 अगस्त 2025 – सितंबर का महीना दुनिया भर में ‘प्रोस्टेट जागरूकता माह’ के रूप में मनाया जाता है, और इसी कड़ी में इंदौर का मेडिकेयर हॉस्पिटल भी 55 साल से अधिक उम्र के पुरुषों की सेहत को समर्पित एक विशेष अभियान चला रहा है। मेडिकल आंकड़ों के अनुसार, भारत में 50-80% पुरुषों को प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं, और इसी गंभीरता को देखते हुए मेडिकेयर हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग ने इस पूरे महीने प्रोस्टेट की समस्याओं, उनके लक्षणों, जांच, बचाव और इलाज पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है।
मेडिकेयर हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और वरिष्ठ यूरोसर्जन, डॉ. आर के लाहोटी ने बताया कि प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद बढ़ने लगती है। यह बढ़ी हुई ग्रंथि मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकती है, जिससे कई तरह के लक्षण सामने आते हैं, जैसे बार-बार पेशाब आना (खासकर रात में), पेशाब शुरू करने या रोकने में दिक्कत, पेशाब की धार कमजोर या रुक-रुक कर आना, और मूत्राशय का अधूरा खाली होना। इसके अलावा, पेशाब या सीमन में खून आना और यौन क्रिया में परेशानी भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
डॉ. लाहोटी के अनुसार, ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत किसी यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। वे बताते हैं कि सही समय पर इलाज न होने से इसका असर किडनी और अन्य अंगों पर भी पड़ सकता है। इसलिए 50-55 साल के पुरुषों को हर दो साल में एक बार प्रोस्टेट और पीएसए (PSA) की जांच जरूर करवानी चाहिए। वे यह भी बताते हैं कि हर मरीज को ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती, शुरुआती लक्षणों का पता चलने पर दवाइयों और परहेज से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
इस जागरूकता माह के दौरान, मेडिकेयर हॉस्पिटल में हेल्थ कैंप, हेल्थ टॉक, पोस्टर प्रदर्शनी और मरीजों की काउंसलिंग जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सितंबर के पूरे महीने, मरीजों को परामर्श और कुछ खास जांचों पर 50% तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इलाज और ऑपरेशन में भी मदद मिलेगी। इंदौर में मेडिकेयर हॉस्पिटल एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां पांच अनुभवी यूरोलॉजिस्ट हर समय परामर्श के लिए उपलब्ध हैं। यह अभियान निश्चित रूप से पुरुषों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक करेगा और प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं के समय पर निदान और उपचार में मदद करेगा।
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