सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी अब मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) की कमान संभालने की तैयारी में है। वर्षों तक पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया एमपीसीए के अध्यक्ष रहे। उनके निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जिम्मेदारी संभाली।
एमपीसीए के चुनाव छह साल बाद 2 सितंबर को होने जा रहे हैं। इस बार कार्यकारिणी में सभी नए चेहरे नजर आएंगे। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, कोई भी पदाधिकारी दो बार से अधिक कार्यकाल पूरा करने के बाद तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ सकता।
इस बार भी चुनाव निर्विरोध होने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया का नाम अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे है। अब तक किसी और ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी नहीं की है। सचिव पद की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय अंपायर सुधीर असनानी को मिल सकती है। वर्तमान में अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर हैं। चुनाव के लिए नामांकन फार्म शुक्रवार से मिलना शुरू होंगे और 2 सितंबर की एजीएम में नए अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।
सिंधिया परिवार की इस परंपरा में कई बार चुनौतियां भी आईं। दो बार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अध्यक्ष पद पर सिंधिया को कड़ी चुनौती दी, लेकिन वे हर बार पराजित रहे। अब जब दोनों एक ही दल में हैं, तो एमपीसीए में सर्वसम्मति से कार्यकारिणी चुने जाने के आसार हैं।
महाआर्यमन सिंधिया के लिए उनके पिता ज्योतिरादित्य ने पहले ही मजबूत आधार तैयार कर दिया था। उन्हें ग्वालियर संभागीय एसोसिएशन का उपाध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने दो बार ग्वालियर में मध्य प्रदेश लीग का सफल आयोजन किया। अब वे एमपीसीए की कमान संभालने की तैयारी में हैं।
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