इंदौर – शहर में आधुनिक वास्तुकला और संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण पैनल चर्चा आज होटल रेडिसन रेड में आयोजित की जा रही है। “वंडरस आर्किटेक्चर थ्रू एडवांस्ड स्ट्रक्चरल टेक्नोलॉजीज़” विषय पर केंद्रित इस कार्यक्रम में देशभर के नामी आर्किटेक्ट्स और स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स भाग ले रहे हैं।
गुणवत्तापूर्ण निर्माण की अहमियत
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्ट्स, इंदौर सेंटर की मानद सचिव आर्किटेक्ट स्नेहल सोनटक्के ने कहा कि इंदौर तेजी से मेट्रो शहर बनता जा रहा है और यहां इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग घर बनाते समय बाहरी सौंदर्य पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन स्ट्रक्चरल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं।
सोनटक्के ने बताया कि इस पैनल चर्चा का उद्देश्य आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स को एक मंच पर लाना है ताकि वे अत्याधुनिक तकनीकों और सही सामग्री के चयन पर अपने अनुभव साझा कर सकें। यह पेशेवरों के साथ-साथ घर बना रहे आम नागरिकों के लिए भी उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
विशिष्ट अतिथि और पैनलिस्ट
इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ डॉ. परीक्षित संजयराव झाड़े (आईएएस) इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। पैनलिस्ट के रूप में आर्किटेक्ट मनोज श्रीमाल (मानद सचिव, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्ट्स, मध्यप्रदेश चैप्टर), इंजीनियर संजय कुमार जैन (पूर्व वरिष्ठ अधीक्षक इंजीनियर, NFC–DAE हैदराबाद), इंजीनियर डी.एस. परिहार (मानद सचिव, एसोसिएशन ऑफ कंसलटींग सिवल इंजीनियर्स) और इंजीनियर दीपक एस शाह (कंसल्टिंग इंजीनियर) शामिल हैं।
गुणवत्तापूर्ण सामग्री का महत्व
कार्यक्रम के प्रायोजक गोयल टीएमटी के मध्यप्रदेश सेल्स हेड अश्वनी रावत ने कहा कि मजबूत राष्ट्र का निर्माण मजबूत नींव और सुरक्षित घरों से शुरू होता है। उन्होंने कहा कि वंडरस आर्किटेक्चर की कल्पना तब तक अधूरी है जब तक उसमें सर्वोत्तम गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का उपयोग न किया जाए।
गोयल टीएमटी के मध्यप्रदेश में डिस्ट्रीब्यूटर नीरज वर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट है जो स्क्रैप के बजाय सीधे आयरन ओर माइंस से कच्चा माल प्राप्त करती है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि उचित प्लानिंग, प्रमाणित टीएमटी सरिया, सही गुणवत्ता का कंक्रीट और नियमित साइट सुपरविजन जैसे बिंदुओं को अपनाकर ही आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित निर्माण सुनिश्चित किया जा सकता है।
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