मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में सूरत में आयोजित ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की ओर से जल संरक्षण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी ‘कैच द रैन’ अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य देशव्यापी जल संरक्षण जन आंदोलन को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय जल मंत्री के नेतृत्व में शुरू किया गया यह अभियान मध्य प्रदेश में जल संरक्षण को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। हम अपने राज्य के जल संसाधनों को न केवल संरक्षित करेंगे, बल्कि उनका विस्तार भी करेंगे।”
मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य भर में विशेष जल संरक्षण अभियान शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें स्थानीय समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों और उद्योग जगत की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- मध्य प्रदेश के 3,500 गांवों के 13,500 से अधिक लोगों ने जल संग्रहण के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश को “नदियों का घाट” बताते हुए राज्य की समृद्ध जल संपदा पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने जल संरक्षण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “जल में ही पृथ्वी का जीवन है और जल ही जीवन है।”
- मध्य प्रदेश सरकार इस अभियान में और अधिक नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- डॉ. यादव ने गुजरात के जल संरक्षण मॉडल की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक बताया।
इस पहल के माध्यम से, मध्य प्रदेश न केवल अपने जल संसाधनों का संरक्षण करेगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल विरासत सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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