इंदौर में कारगिल युद्ध के शहीदों और भारतीय सेना को समर्पित एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक संध्या के रूप में यादगार बन गई। जंजीरवाला स्क्वायर स्थित बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स देशभक्ति के जज़्बे से गूंज उठा, जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शीर्षक से प्रस्तुत नाट्य मंचन, लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और बच्चों के संस्कृत नृत्यों ने दर्शकों को भारतीय वीरता और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत झलक दी।
इस भव्य आयोजन का नेतृत्व डॉ. संदीप जुल्का और उनकी टीम ‘हेल्थ केयर सोल्जर्स’ ने किया, जिसका निर्देशन श्री जीतू ने संभाला। कार्यक्रम न केवल कारगिल युद्ध की स्मृतियों को जीवंत करने में सफल रहा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ की भावना, भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और ब्रह्मोस मिसाइल, S-400 तथा आकाश प्रणालियों जैसी स्वदेशी तकनीकी उपलब्धियों को भी उजागर किया, जिसने वैश्विक स्तर पर भारत की सुरक्षा क्षमता को सशक्त पहचान दिलाई।
कार्यक्रम में शहर के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने देशभक्ति गीतों पर आधारित नृत्य और विभिन्न प्रांतों की लोक प्रस्तुतियों से भारत की विविधता और एकता को मंच पर प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने शहीदों के बलिदान और सैनिकों की वीरता को भावनात्मक रूप से दर्शकों से जोड़ते हुए माहौल को गर्व और सम्मान से भर दिया।
मुख्य अतिथि एयर मार्शल हर्षिश मसंद (VRC, VM) ने कहा, “मैंने भी अपनी शुरुआत कैडेट कोर से की थी, और यही प्रशिक्षण देश के प्रति जुनून और जज़्बा जगाने की नींव रखता है। डॉ. संदीप जुल्का और उनकी पूरी टीम का स्वागत करता हूँ, जो इस तरह के आयोजनों से बच्चों और युवाओं में नई ऊर्जा और जोश भर रहे हैं। आज के दौर में ऐसे प्रयास न केवल प्रेरणा देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार करते हैं। यही युवा कल इस देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।”
डॉ. संदीप जुल्का ने भी अपने वक्तव्य में कहा, “कारगिल विजय दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं, बल्कि देश की सेना और सुरक्षा बलों के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। हर साल सेना के अधिकारी, बीएसएफ जवान, आर्मी पर्सनल और शहर के बच्चे इस आयोजन में शामिल होते हैं, जो इसे और विशेष बना देते हैं। यह आयोजन हमारे लिए महायज्ञ में दी गई एक छोटी-सी आहुति जैसा है, हम सैनिकों का उत्साह बढ़ाकर और उनका सम्मान कर गर्व का अनुभव करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्ची देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्म और सम्मान में है।”
इस आयोजन में एयर मार्शल हर्षिश मसंद के साथ मेजर जनरल (डॉ.) राजेश छाबा (सेना मेडल), IG आलोक कुमार सिंह (President & CM Medal, Bar), और ब्रिगेडियर संजीव कुमार (ग्रुप कमांडर, NCC, इंदौर) विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। वीर नारियों, बीएसएफ जवानों, NCC कैडेट्स और सिक्का स्कूल, मार्थोमा स्कूल, डीपीएस, मिलेनियम स्कूल, होलकर साइंस कॉलेज, एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट और माँ उमिया महाविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों के छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
समारोह में शक्ति पम्पस की ओर से वीर नारियों का विशेष सम्मान किया गया, वहीं एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट ने सेवानिवृत्त सैनिकों को कृतज्ञता स्वरूप भेंट प्रदान की। समग्र रूप से यह आयोजन केवल सांस्कृतिक संध्या नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, बलिदान और आत्मनिर्भर भारत की भावना को समर्पित एक प्रेरणादायी प्रयास बनकर सामने आया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह संदेश भी दिया कि भारत की असली ताकत सिर्फ हथियारों में नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, संस्कृति और एकता की भावना में निहित है।
Thank you for reading this post!
