इंदौर. कांग्रेस का आरक्षण, संविधान, डॉ अंबेडकर विरोधी इतिहास राहुल गांधी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान कहा है कि वह ‘आरक्षण’ हटा देंगे। ये वही धुन है जो राहुल गांधी का परिवार नेहरू के जमाने से गाता आ रहा है। उक्त बातें कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय पर सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने 57 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन उसने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया और सामाजिक उद्देश्यों की उपेक्षा की। कांग्रेस ने कभी भी संविधान के मूलभूत आरक्षण सिद्धांतों को सही भावना और रूप में लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।
सिलावट ने कहा राहुल गांधी के हालिया बयान को लेकर कांग्रेस ऐतिहासिक भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने यह आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान का गलत इस्तेमाल किया और आरक्षण को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया। नेहरू सरकार ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। साथ ही 1961 में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है।
बाबासाहेब के जीवन से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण स्थानों को भाजपा सरकार ने विकसित किया है, जिनमें महू में डॉ. अंबेडकर की जन्मभूमि, लंदन में शिक्षा भूमि, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली का महापरिनिर्वाण स्थल और मुंबई में चैत्य भूमि शामिल है। डॉ. अंबेडकर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी के प्रयास से ही 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
मंत्री सिलावट ने पीएम मोदी का तारीफ करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 और 35ए को समाप्त कर जम्मू कश्मीर के अनुसूचित जाति वर्ग को 70 वर्ष बाद सामाजिक न्याय व सम्मान देने का किया है। पीएम मोदी ने हमेशा संविधान और आरक्षण के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है। कांग्रेस केवल राजनीतिक साधनों के रूप में संविधान का उपयोग करती है। इस अवसर पर राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
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