पिछले महीने इंदौर-देवास बायपास पर अर्जुन बड़ौद के पास 40 घंटे से ज्यादा समय तक भारी ट्रैफिक जाम लगा रहा। इस जाम के कारण एक बीमार व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर जन आक्रोश बढ़ा और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। याचिका में बताया गया कि ब्रिज निर्माण कार्य के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी, जबकि वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि ब्रिज से पहले सर्विस रोड का निर्माण किया जाना चाहिए था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। कोर्ट ने अब 30 दिन के भीतर सर्विस रोड की मरम्मत और नियमित रखरखाव सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। साथ ही बायपास पर ट्रैफिक डायवर्शन की स्पष्ट व्यवस्था, संकेतकों की उपलब्धता और ट्रैफिक कंट्रोलरों की तैनाती के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बायपास पर 24 जून को ब्रिज निर्माण कार्य के चलते अर्जुन बड़ौद गांव के पास करीब दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया था, जो करीब 40 घंटे बाद जाकर खुल सका। इस दौरान प्रशासन ने ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ा। एनएचएआई ने जाम के बीच ही सर्विस रोड की मरम्मत कराई, जिसके बाद धीरे-धीरे यातायात बहाल हो पाया। हालांकि ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने के कारण अब देवास नाका क्षेत्र में वैकल्पिक मार्गों पर भी यातायात प्रभावित होने लगा है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि एनएचएआई को दिए गए निर्देशों पर अब तक क्या कार्यवाही हुई और यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इसकी विस्तृत रिपोर्ट 30 अगस्त तक कोर्ट में पेश की जाए।
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