मध्य भारत के सबसे बड़े प्लास्टिक और पैकेजिंग उद्योग से जुड़े ट्रेड फेयर “प्लास्ट पैक 2025” का आज भव्य समापन हुआ। यह चार दिवसीय मेगा इवेंट 9 से 12 जनवरी 2025 तक इंदौर के लाभगंगा ग्राउंड में आयोजित किया गया। इस आयोजन ने प्लास्टिक, पैकेजिंग, और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोला। समापन समारोह में इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी की उपस्थिति रही।
आयोजन में 400 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस दौरान लगभग 80,000 विजिटर्स ने प्रदर्शनी का दौरा किया और इसे औद्योगिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
समापन समारोह के मुख्य अंश
सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा, “प्लास्ट पैक 2025 ने मध्य प्रदेश को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह आयोजन प्रदेश के व्यापारियों और उद्यमियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। मैं सभी प्रदर्शकों को इंदौर में अपने संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित करता हूं और उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन देता हूं। अगली बार इस प्रदर्शनी के स्तर और सुविधाओं में और अधिक विस्तार होगा।”
इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने इस आयोजन को नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक प्रगति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह आयोजन न केवल व्यापार बढ़ाने का मंच था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता देने वाला एक मील का पत्थर भी साबित हुआ। दो साल बाद इस आयोजन को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित करेंगे।”
प्रमुख आकर्षण और उपलब्धियां
- 700 करोड़ का व्यापार लक्ष्य पार
प्रदर्शनी के दौरान 700 करोड़ रुपये के व्यापार का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक पार किया गया। अकेले इस आयोजन में 400 करोड़ रुपये की मशीनों और उत्पादों की बिक्री हुई। - रोजगार और नवाचार
आयोजन के दौरान जॉब फेयर और सेमिनार ने छात्रों और युवाओं को नए रोजगार के अवसर प्रदान किए। 100 से अधिक छात्रों का ऑन-द-स्पॉट प्लेसमेंट हुआ, जबकि 500 से अधिक छात्रों को अगले चरण के लिए चुना गया। - पर्यावरण संरक्षण में प्लास्टिक की भूमिका
प्रदर्शनी में प्लास्टिक वेस्ट को उपयोगी उत्पादों में बदलने की तकनीकों पर जोर दिया गया। उदाहरण के लिए, चिप्स और कुरकुरे के पैकेट जैसे कचरे से फर्नीचर बनाने की तकनीक प्रदर्शित की गई। - कृषि में प्लास्टिक का उपयोग
ग्रीनहाउस, पॉलीहाउस, और मल्चिंग तकनीकों ने यह दिखाया कि प्लास्टिक ने कृषि क्षेत्र में कैसे क्रांति लाई है। इसके कारण मध्य भारत के गर्म क्षेत्रों में भी मशरूम और केसर जैसी फसलें उगाई जा रही हैं।
प्लास्ट पैक 2025 ने व्यापारिक संभावनाओं के साथ-साथ पर्यावरण और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा। आयोजकों ने आश्वासन दिया कि अगले संस्करण में अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों और उन्नत तकनीकों को शामिल किया जाएगा।
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