इंदौर के मुख्य रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण कार्य लंबे समय तक खिंचने की आशंका है। नई सात मंजिला बिल्डिंग का निर्माण अलग-अलग हिस्सों में किया जाएगा, ताकि ट्रेन संचालन प्रभावित न हो। फिलहाल पुरानी इमारत को तोड़ने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है, जिसे पूरा करने में ही करीब डेढ़ माह लगेंगे।
प्रोजेक्ट का भूमिपूजन एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया था और इसका ठेका अहमदाबाद की कंपनी को दिया गया है, लेकिन काम की गति बेहद धीमी है। रेलवे ने दावा किया है कि सिंहस्थ तक यात्रियों के उपयोग वाले हिस्से का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान कुछ ट्रेनों का संचालन लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से किया जाएगा, जबकि मुख्य स्टेशन से भी आंशिक संचालन जारी रहेगा। कई ट्रेनों के प्लेटफार्म बदले गए हैं।
नई बिल्डिंग एयरपोर्ट की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। इसमें बेसमेंट पार्किंग में 500 चारपहिया वाहन खड़े हो सकेंगे, 26 लिफ्ट, एस्केलेटर, आरामदायक फुटओवर ब्रिज, शेड, टिकट काउंटर, शॉपिंग एरिया और फूड ज़ोन रहेंगे। मेट्रो स्टेशन से भी कनेक्टिविटी दी जाएगी। रेलवे अफसरों के मुताबिक, पहले 60 मीटर हिस्से में निर्माण कार्य शुरू होगा ताकि ट्रेन संचालन बाधित न हो। इस प्रोजेक्ट पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्टेशन परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी ताकि लंबे समय तक पार्क रहने वाले वाहनों को व्यवस्थित खड़ा किया जा सके। साथ ही पार्क रोड को भी नए स्टेशन से जोड़ा जाएगा। नए प्लेटफॉर्म एक सीध में बनेंगे ताकि यात्रियों को परेशानी न हो और हादसों की आशंका कम हो। इसके लिए पार्किंग व पार्सल विभाग की जमीन भी उपयोग में ली जा सकती है, जबकि पार्सल विभाग को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना है।
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